"सुनो तुम ना बेवजह मुस्कुरा लिया करो"
सुनो तुम ना बेवजह मुस्कुरा लिया करो
कोई बात परेशान करे तो बता दिया करो....
वेदांत दर्शन तो है सही ।
पर सुकून मुझको मिला नहीं ।।
वो ब्रह्म ज्ञान किस काम का ।
जब ब्रह्मा खुद को ना जनता।।
सब तर्क बुद्धि भूल कर ।
अहंकार नाश समूल कर ।।
वृंदावन रज मे लोट रहा हूँ ।
अब बस राधे द्वार खड़ा हूँ ।।
बुद्ध शंकर को त्याग कर ।
ज्ञान मार्ग से मैं हार कर ।।
भक्ति पथ पर निकल पड़ा हूँ ।
अब बस राधे द्वार खड़ा हूँ ।।
अब बस राधे द्वार खड़ा हूँ ।।
"In the quiet of night, stars whisper dreams to the moon, painting the sky with secrets untold."